संस्थापक व संरक्षक ठाकुर सुंदर सिंह चौहान वृद्ध आश्रम श्री सुंदर सिंह चौहान जी
आश्रम में रह रहे बुजुर्गों के लिए आश्रम में मौजूद कई प्रकार की सुविधाए उपलब्ध हें साथ ही आश्रम परिसर में मौजूद खेत व क्यारियों में जैविक खाद व हानिकारक रसायनों के बगैर सब्जियों का भी उत्पादन किया जाता है
बुजुर्गों का आशियाना
समय के साथ व बड़ते विकास के साथ आज समाज में संयुक्त परिवार एकल परिवार में बदल रहे हें जिससे उत्तराखण्ड के पहाड़ी परिवार भी अछूते नहीं रहे और कई बुजुर्गों को पलायन के कारण कई जगह अकेले अपना जीवन यापन करने पर मजबूर हें इसी समस्या को देखते हुए ठाकुर सुंदर सिंह चौहान जी ने इस आश्रम की स्थापना की जिसमें उत्तरखंड के देहात के एसे बुजुर्ग जो अकेले रहने पर मजबूर हें को एक नया आशियाना देने के उद्देश्य से इस आश्रम की नीव राखी
आश्रम में बुजुर्गों के लिए अलग से एक पूजा कक्ष भी उपलब्ध है जिसमें पूजा भजन होते रहते हें
We use cookies to analyze website traffic and optimize your website experience. By accepting our use of cookies, your data will be aggregated with all other user data.